हुस्ने जाना इधर आ
आईना हूँ मैं तेरा (2)
मैं सवाँरूँगा तुझे
सारे ग़म दे दे मुझे
भीगी पलकें न झुका
आईना हूँ मैं तेरा
कितने ही दाग उठाए तूने
मेरे दिन-रात सजाए तूने
चूम लूँ आ मैं तेरी पलकों को
दे दूँ ये उम्र तेरी ज़ुल्फ़ों को
ले के आँखों के दिए
मुस्कुरा मेरे लिए
मेरी तस्वीर-ए-वफ़ा
आईना हूँ मैं तेरा
तेरी चाहत है इबादत मेरी
देखता रहता हूँ सूरत तेरी
घर तेरे दम से है मंदिर मेरा
तू है देवी मैं पुजारी तेरा
सजदे सौ बार करूँ
आ तुझे प्यार करूँ
मेरी आग़ोश में आ
आईना हूँ मैं तेरा
मैं सवाँरूँगा तुझे
सारे ग़म दे दे मुझे
भीगी पलकें न झुका
आईना हूँ मैं तेरा
हुस्ने जाना इधर आ
आईना हूँ मैं तेरा
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