Tuesday, April 5, 2016

Je Hum Tum Chori Se





मु : जे हम-तुम चोरी से बंधे एक डोरी से
जइयो कहाँ ऐ हुज़ूर
ल : अरे ई बंधन है प्यार का
जे हम-तुम चोरी ...
मु : कजरा वाली फिर तू ऐसे काहे निहारे
ई चितवन के गोरी माने तो समझा जा रे
ल : मतलबवा एक है एक है नैनन पुकार का
जे हम-तुम चोरी ...
दो : ऐ हुज़ूर
मु : जे हम-तुम चोरी ...
ल : देखो बादर आए पवन के पुकारे
उल्फ़त मेरी जीती अनाड़ी पिया हारे
मु : आएगा रे मजा रे मजा अब जीत-हार का
दो : जे हम-तुम चोरी ...
मु : घूँघट में से मुखड़ा दीखे अभी अधूरा
आ बैंया में आजा मिलन तो हो पूरा
ल : ई मिलना तो नहीं तो नहीं कुछ एक बार का
जे हम-तुम चोरी ...

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