Wednesday, April 6, 2016

ham jab simat ke aapakii




म : ओ
आ : हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये -२
लाखों हसीन ख़ाब निगाहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये -२
म : आ
आ : ख़ुश्बू चमन को छोड़ के साँसों में घुल गई -२
लहरा के अपने आप जवाँ ज़ुल्फ़ खुल गई
हम अपनी दिल पसंद पनाहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
म : लाखों हसीन ख़ाब निगाहों में आ गये
आ : हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
म : कह दी है दिल की बात नज़ारों के सामने -२
इक़रार कर लिया है बहारों के सामने
दोनों ज़हान आज गवाहों में आ गये
आ : हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
म : लाखों हसीन ख़ाब निगाहों में आ गये
आ : हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
आ : मस्ती भरी घटाओं की परछाइयों तले
दो : मस्ती भरी घटाओं की परछाइयों तले
हाथों में हाथ थाम के जब साथ हम चले
शाख़ों से फूल टूट के राहों में आ गये
आ : हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
म : लाखों हसीन ख़ाब निगाहों में आ गये
आ : हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये

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