Wednesday, April 6, 2016

ye kaun aaya




ये कौन आया, रोशन हो गई महफ़िल किसके नाम से
मेरे घर में जैसे सूरज निकल है शाम से
ये कौन आया
यादें हैं कुछ आई सी, या किरनें लहराई सी
दिल में सोए गीतों ने, ली है फिर अंगड़ाई सी
अर्मानों की मदिरा छलके, अँखियों के जाम से
ये कौन आया
क्या कहिए इस आने को, आया है तरसाने को
देखा उसने हँस हँस के, हर अपने बेगाने को
लेकिन कितना बेपर्वाह है, मेरे ही सलाम से
ये कौन आया

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