Tuesday, March 8, 2016

Aaj Is Darija Pila Do - Mohd Rafi

Found this with Shazam, have a listen…
Aaj Is Darija Pila Do
Mohd Rafi


(आज इस दर्जा पिला दो के न कुछ याद रहे)-२
बेख़ुदी इतनी बढ़ा दो के न कुछ याद रहे
आज इस दर्जा पिला दो के न कुछ याद रहे

दोस्ती क्या है, वफ़ा क्या है मुहब्बत क्या है
दिल का क्या मोल है एहसास की कीमत क्या है
हमने सब जान लिया है के हक़ीक़त क्या है
आज बस इतनी दुआ दो के न कुछ याद रहे
आज इस दर्जा पिला दो के न कुछ याद रहे

मुफ़लिसी देखी, अमीरी की अदा देख चुके
ग़म का माहौल, मसर्रत की ख़िज़ा देख चुके
कैसे फिरती है ज़माने की हवा देख चुके
शम्मा यादों की बुझा दो, के न कुछ याद रहे
आज इस दर्जा पिला दो के न कुछ याद रहे

इश्क़ बेचैन ख़्यालों के सिवा कुछ भी नहीं
हुस्न बेरूह उजालों के सिवा कुछ भी नहीं
ज़िंदगी चंद सवालों के सिवा कुछ भी नहीं
हर सवाल ऐसे मिटा दो के न कुछ याद रहे
आज इस दर्जा पिला दो के न कुछ याद रहे

मिट न पाएगा जहाँ से कभी नफ़रत का रिवाज
हो न पाएगा कभी रूह के ज़ख़्मों का इलाज
(सल्तनत ज़ुल्म, ख़ुदा वहम, मुसीबत है समाज)-२
ज़हन को ऐसे सुला दो के न कुछ याद रहे
आज इस दर्जा पिला दो के न कुछ याद रहे
बेख़ुदी इतनी बढ़ा दो के न कुछ याद रहे
आज इस दर्जा पिला दो के न कुछ याद रहे


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